Monday, December 29, 2008

नए साल पे इक पुरानी दुआ...

दुआ निकलती है, नए साल के नाम पे,
आँख भर आती है, गुज़रे साल की याद से.


उम्मीद बस यूँ ही है नए साल से,
कि कत्ल न हों, न चले बंदूकें, न हो बमबारी कहीं,
इश्क रहे, रहे दोस्ती, और बढें प्यार की बाहें हर कहीं,
ना मिले कातिलाना वो, जो मिला गुज़रे साल में.
दुआ है बस यही, आने वाले साल में.

गुज़रा तो गुज़र गया, चलो कुछ यूँ करें,
थाम लें बांह इक दूजे की, आओ कुछ कदम, साथ साथ चलें.


मुबारक हो साल नया,
दे यह खुशियाँ हज़ार, और प्यार नया,
हो उम्मीद से भरा, यह संसार नया
जिंदगी का हो हर रुखसार नया,
मुबारक हो यह साल नया!
मुबारक हो यह 2009 नया!



Vim Copyright © 2008

No comments:

Post a Comment