कुछ प्रश्नों को सुना, खुद के भीतर,
कुछ छुपा डाले अपने ही अन्दर…
कुछ उत्तर सुन लिए, कुछ को कह डाला बेमानी....
प्रश्न है अब यह, कि कब मिलेंगे उत्तर?
...मिले तो क्या स्वीकार कर पाऊँगी,
...प्रश्न, उत्तर, उत्तरों की सचाई और अपने भीतर का डर.
Vim Copyright © 2009
Tuesday, November 24, 2009
Saturday, November 7, 2009
जीवन, ज़िन्दगी, ज़िन्दगी, जीवन...
आ सीमटा है सब
'जीवन' शब्द में
प्यार तेरा , दुलार मेरा,
तेरी हँसी , मेरा मुस्कुराना,
चाहत मेरी, दुत्कार तेरी...
मेरा सिमटना...तुझ में,
तेरा हाथ छोड़ जाना..
चाह मेरी जीने की
तेरी चाह मार डालने की
जीवन,
ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी,
जीवन...
Vim Copyright © 2009
originally written in June '08
'जीवन' शब्द में
प्यार तेरा , दुलार मेरा,
तेरी हँसी , मेरा मुस्कुराना,
चाहत मेरी, दुत्कार तेरी...
मेरा सिमटना...तुझ में,
तेरा हाथ छोड़ जाना..
चाह मेरी जीने की
तेरी चाह मार डालने की
जीवन,
ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी,
जीवन...
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