Thursday, January 14, 2010

आवारापन

आवारापन, बंजारापन…
नसों में दौड़ता है, लहू के माफिक
और तैरता है उस में...
वो इक लम्हा,
बिताया तेरे संग जो
सजदे में…
इश्क के


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!!!

ना इशारे समझ आते हैं,
ना नज़ारे समझ आते हैं...
देखते हैं जब भी खुद को शीशे में,
हम बस मासूम से बेचारे नज़र आते हैं

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Tuesday, January 5, 2010

तू और तेरा साया

तेरी खुशबू में सिमट तो जाऊं मैं, लेकिन,
तेरी महक मिली नहीं कहीं.
तेरे दामन में छिप तो जाऊं लेकिन,
तेरा दामन नज़र में कहीं नहीं.
तुझे आँखों में छुपा तो लेती मैं,
लेकिन तू है 'किसी' की आँखों का तारा...

हमारा क्या है, जी लेंगे तेरी याद में
यादों में भी तो है साया छुपा सिर्फ तुम्हारा...

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Monday, December 28, 2009

Sand...

इस रेत पे चले हज़ारों कदम,
आज निशाँ इक कदम का भी नहीं.

इस रेत पे बरसा पानी अटूट,
आज बूँद कहीं इक भी नहीं.

इस रेत ने ही है समेटा,
मेरे आन्सुयों को बरसात के संग
इसी रेत ने ही मिटाये तेरे निशाँ मेरे दिल से
उन क़दमों के संग ही तो...

रेत समां ले फिर मुझे खुद में
या सिमट जा मेरी बाहों में
बस मेरी ही बन के...

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Sunday, December 20, 2009

within yet without...

the smile after crying all night
the tear which dried after I felt you
the touch of your good bye
the wet eyelashes in the sun
the soul of those steps you took
I looked at... each expression
and...

all these expressions were
you,
without you in me...


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Tuesday, November 24, 2009

?!?!?

कुछ प्रश्नों को सुना, खुद के भीतर,
कुछ छुपा डाले अपने ही अन्दर…
कुछ उत्तर सुन लिए, कुछ को कह डाला बेमानी....
प्रश्न है अब यह, कि कब मिलेंगे उत्तर?
...मिले तो क्या स्वीकार कर पाऊँगी,
...प्रश्न, उत्तर, उत्तरों की सचाई और अपने भीतर का डर.


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Saturday, November 7, 2009

जीवन, ज़िन्दगी, ज़िन्दगी, जीवन...

आ सीमटा है सब
'जीवन' शब्द में
प्यार तेरा , दुलार मेरा,
तेरी हँसी , मेरा मुस्कुराना,
चाहत मेरी, दुत्कार तेरी...
मेरा सिमटना...तुझ में,
तेरा हाथ छोड़ जाना..
चाह मेरी जीने की
तेरी चाह मार डालने की

जीवन,
ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी,
जीवन...

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originally written in June '08